मंदसौर में रंगपंचमी का पर्व पारंपरिक और अनूठे अंदाज में मनाया गया। विद्यार्थियों की परीक्षाओं को ध्यान में रखते हुए प्रशासन के निर्देश पर इस बार डीजे साउंड का उपयोग नहीं किया गया। नेहरू बस स्टैंड स्थित बड़े बालाजी मंदिर से महाआरती के साथ समरसता गैर की शुरुआत हुई।
गैर में बैंड-बाजों की मधुर धुनों पर फाग गीत गूंजे, वहीं ढोल-ताशों की थाप पर लोगों ने जमकर रंग खेला। पलाश और कनेर के फूलों से बने प्राकृतिक रंगों का उपयोग कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया गया। 11 क्विंटल गुलाल की बौछार से पूरा शहर सतरंगी नजर आया। फॉग मशीन और फायर फाइटर के जरिए रंगों की बारिश कर माहौल को और भी रोमांचक बना दिया गया।