भोपाल। मध्यप्रदेश पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों के SP को स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि सेक्स वर्करों को सिर्फ उनके पेशे के आधार पर गिरफ्तार या दंडित न किया जाए। आदेश में कहा गया है कि यदि कोई महिला स्वेच्छा से इस पेशे में कार्यरत है तो उसे अपराधी नहीं माना जा सकता। हालांकि वैश्यालय चलाना अभी भी अवैध है। पीएचक्यू ने इस निर्देश में मानवाधिकारों और संविधान में दिए गए मौलिक अधिकारों का हवाला देते हुए कहा है कि किसी के पेशे के आधार पर उसके साथ भेदभाव नहीं किया जा सकता।