मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों की मांग को ध्यान में रखते हुए गिरदावरी संशोधन और दावा-आपत्ति दर्ज करने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 15 अप्रैल कर दी है। इससे किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर गेहूं की बिक्री के लिए किए गए पंजीयन और पटवारी द्वारा की गई गिरदावरी में आ रहे अंतर को सही करा सकेंगे।
गिरदावरी संशोधन: 15 अप्रैल तक मौका
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MSP पर गेहूं बेचने के लिए पंजीयन और गिरदावरी डेटा में अंतर के कारण किसानों को परेशानी हो रही थी।
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खाद्य विभाग ने किसानों को राहत देते हुए डिजिटल फसल सर्वेक्षण में संशोधन और दावा-आपत्ति दर्ज कराने की अंतिम तिथि 15 अप्रैल तक बढ़ा दी है।
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यह निर्णय किसानों की मांग और फसल सत्यापन में सुधार के लिए लिया गया है।
गेहूं पंजीयन की अंतिम तिथि 31 मार्च
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जो किसान अब तक गेहूं उपार्जन के लिए पंजीयन नहीं करा पाए हैं, वे 31 मार्च तक पंजीयन करा सकते हैं।
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अब तक 13.98 लाख किसानों ने MSP पर गेहूं बिक्री के लिए पंजीयन करवाया है।
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28 मार्च तक 74,697 किसानों से 5.80 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदा जा चुका है।
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किसानों को उनके उपार्जित गेहूं का भुगतान जारी है, अब तक ₹757.36 करोड़ का भुगतान किया जा चुका है।
गेहूं खरीदी 5 मई तक, MSP + बोनस = ₹2600 प्रति क्विंटल
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गेहूं खरीदी की प्रक्रिया 5 मई 2025 तक जारी रहेगी।
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सरकार इस बार MSP ₹2425 + ₹175 बोनस जोड़कर कुल ₹2600 प्रति क्विंटल की दर से गेहूं खरीदेगी।
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मध्य प्रदेश में इस साल लगभग 80 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीदी का लक्ष्य रखा गया है।
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मालवा-निमाड़ (इंदौर, उज्जैन) के किसान बड़े स्तर पर गेहूं उत्पादन करते हैं, जबकि सीहोर का शरबती गेहूं देशभर में मशहूर है।
किसान भाई इस अवसर का लाभ उठाएं और समय पर पंजीयन व फसल सत्यापन पूरा करें।