मंदसौर ज़िला अस्पताल की बिल्डिंग अब पूरी तरह खस्ताहाल हो चुकी है। वार्डों और गलियारों की दीवारें दरक रही हैं, छतों से सरिए झांकने लगे हैं। जैसे-जैसे बारिश का मौसम करीब आ रहा है, वैसे-वैसे यहां इलाज कराना खतरे से खेलने जैसा बनता जा रहा है।
जानकारी के मुताबिक, साल 2014 से अब तक अस्पताल की छत और प्लास्टर गिरने की 7 से 8 घटनाएं हो चुकी हैं। इसके बावजूद न तो भवन की मरम्मत हुई और न ही नया निर्माण शुरू हुआ। सैकड़ों मरीज और उनके परिजन हर दिन जान जोखिम में डालकर इलाज करवाने को मजबूर हैं।
अस्पताल में डॉक्टरों की भी भारी कमी है। रेडियोलॉजिस्ट के अभाव में वर्षों से सोनोग्राफी सेंटर बंद पड़ा है, जिससे मरीजों को निजी केंद्रों पर महंगे दामों में जांच करानी पड़ती है।
इस बारे में सीएमएचओ डॉ. गोविंद सिंह चौहान ने बताया कि–
“अस्पताल की बिल्डिंग काफी पुरानी हो चुकी है। मरम्मत का काम हर साल कराया जाता है। लेकिन अब नया भवन बनना जरूरी है। इसके लिए सिविल सर्जन के माध्यम से स्टेट गवर्नमेंट को प्रस्ताव भेजा गया है।”