भोपाल/नई दिल्ली। भारतीय सेना की अफसर कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर आपत्तिजनक बयान देने वाले मध्यप्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री कुंवर विजय शाह के खिलाफ अब एसआईटी जांच होगी। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को इस मामले में सख्त टिप्पणी करते हुए तीन सदस्यीय स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) के गठन का आदेश दिया, जिसके बाद डीजीपी कैलाश मकवाना ने देर रात आदेश जारी कर दिया।
SIT में शामिल हैं ये तीन अफसर:
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प्रमोद वर्मा – आईजी, सागर ज़ोन (SIT प्रमुख)
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कल्याण चक्रवर्ती – डीआईजी
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एसएएफ सिंह – एसपी, डिंडौरी
सुप्रीम कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि SIT में एक IG रैंक का अधिकारी, एक महिला अधिकारी और तीनों आईपीएस अफसर मध्यप्रदेश कैडर के हो सकते हैं, लेकिन राज्य के मूल निवासी नहीं होने चाहिए। SIT को 28 मई तक स्टेटस रिपोर्ट कोर्ट में जमा करनी होगी।
क्या है मामला?
मंत्री विजय शाह ने 11 मई को इंदौर के महू के रायकुंडा गांव में एक कार्यक्रम के दौरान ऑपरेशन सिंदूर को लेकर विवादास्पद बयान दिया था। उन्होंने सेना की अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी को आतंकवादियों की बहन बताते हुए बेहद आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग किया।
इस बयान के बाद हाईकोर्ट के निर्देश पर 14 मई को महू के मानपुर थाने में उनके खिलाफ FIR दर्ज की गई। मंत्री शाह ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
सुनवाई के दौरान मंत्री के वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल माफी मांग चुके हैं। इस पर जस्टिस सूर्यकांत ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा:
“यह माफी मगरमच्छ के आंसू जैसी है। आपने सार्वजनिक रूप से बेहद आपत्तिजनक बातें कहीं, वह भी सेना के अफसर के लिए। आप एक वरिष्ठ नेता हैं, आपको अपने शब्दों का ध्यान रखना चाहिए।”
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि माफी से मामला खत्म नहीं होगा। यह एक “लिटमस टेस्ट” है कि मंत्री और सरकार इस पर कितनी गंभीरता दिखाते हैं।
राजनीतिक प्रतिक्रिया और अगला कदम
भले ही सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया हो, लेकिन बीजेपी की ओर से मंत्री के इस्तीफे को लेकर कोई संकेत नहीं मिला है। सूत्रों के अनुसार, चूंकि कोर्ट ने 28 मई तक गिरफ्तारी पर रोक लगाई है, इसलिए पार्टी स्तर पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है।