नीमच कृषि उपज मंडी में प्याज के दाम रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गए हैं। स्थिति यह है कि प्याज एक रुपए प्रति किलो तक बिक रही है और कई किसानों को खरीदार तक नहीं मिल पा रहे। किसानों को प्रति क्विंटल केवल 100 से 200 रुपए मिल रहे हैं, जबकि उत्पादन लागत 300 से 500 रुपए प्रति क्विंटल है। इसमें सिंचाई, खाद, कीटनाशक और मजदूरी का खर्च शामिल है। ट्रांसपोर्ट का खर्च इसके अतिरिक्त है।
कीमतों में गिरावट की मुख्य वजहें
मंडी प्रशासन के अनुसार, प्याज के दामों में गिरावट के दो प्रमुख कारण हैं—बंपर उत्पादन और समय से पहले हुई बारिश। इसके अलावा राजस्थान और महाराष्ट्र से भी भारी मात्रा में प्याज की आवक हो रही है। दूसरी ओर, बाजार में मांग कम होने के कारण व्यापारी खरीद से बच रहे हैं।
बारिश से प्याज में नमी, स्टॉक रखना मुश्किल
समय से पहले हुई बारिश ने मौसम में नमी बढ़ा दी है, जिससे प्याज में नमी आ गई है। इस कारण किसान प्याज को अधिक समय तक स्टॉक नहीं कर पा रहे। व्यापारियों को भी यही समस्या झेलनी पड़ रही है—गीली प्याज ज्यादा दिनों तक स्टोर नहीं की जा सकती।
किसानों की मांग: मिले समर्थन मूल्य
किसानों ने प्याज के लिए 15 से 20 रुपए प्रति किलो का न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करने की मांग की है। उनका कहना है कि यदि समर्थन मूल्य तय हो तो भविष्य में इस तरह के घाटे से बचा जा सकता है। कुछ किसान मजबूरी में मंडी में प्याज फेंकने को मजबूर हैं, तो कुछ इसे मवेशियों को खिला रहे हैं।