उज्जैन : महर्षि पाणिनि संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद ने निर्णय लिया कि सभी आधिकारिक दस्तावेजों, वेबसाइट, विद्यार्थियों की कॉपियों और कैलेंडर में ‘इंडिया’ की जगह ‘भारत’ शब्द का उपयोग किया जाएगा। यह प्रदेश का पहला विश्वविद्यालय है जिसने यह बदलाव किया। बैठक कुलगुरु प्रो. विजय कुमार जे.सी. की अध्यक्षता में हुई, जिसमें कार्यपरिषद सदस्य गौरव धाकड़ के प्रस्ताव को सर्वसम्मति से स्वीकार किया गया।
31 मार्च को दीक्षांत समारोह
विश्वविद्यालय का पांचवां दीक्षांत समारोह 31 मार्च को कालिदास संस्कृत अकादमी में होगा, जिसमें विद्यार्थियों को उपाधियाँ दी जाएँगी। अगली बैठक में वित्तीय वर्ष का आय-व्यय पत्रक प्रस्तुत किया जाएगा।
संस्कृत को बढ़ावा देने की पहल
उज्जैन के नागरिकों को संस्कृत सिखाने के लिए प्रशिक्षित विद्यार्थी शिक्षक के रूप में उपलब्ध होंगे। विश्वविद्यालय ने इसके लिए ‘रिसोर्स पूल सिस्टम’ विकसित किया है, जिससे इच्छुक लोग होम ट्यूटर के रूप में संस्कृत सीख सकेंगे। बैठक में विश्वास व्यास, हरीश व्यास, सुमिना लिग्गा, डॉ. केशर सिंह चौहान, गीतांजलि चौरसिया और कुलसचिव डॉ. दिलीप सोनी उपस्थित रहे।